✍🏽 परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सीवान के मैरवा रेफरल अस्पताल में किन्नरों ने जमकर हंगामा किया, जब उनसे रेबीज इंजेक्शन के बदले आधार कार्ड की मांग की गई और न देने पर 5000 रुपये मांगे गए। किन्नरों का आरोप है कि सरकारी अस्पताल में बिना आधार कार्ड इलाज से इनकार किया गया, जो नियमों के खिलाफ है।
क्या है मामला?
मिली जानकारी के अनुसार, बिल्ली के काटने के बाद किन्नर रेबीज इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। जब उन्होंने काउंटर पर इंजेक्शन के लिए आवेदन किया, तो स्टाफ ने आधार कार्ड की मांग की। किन्नरों का आरोप है कि जब उन्होंने आधार कार्ड नहीं दिया, तो उनसे 5000 रुपये मांगे गए। इसके बाद उन्होंने अस्पताल में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
अस्पताल प्रशासन का क्या कहना है?
मैरवा अस्पताल प्रशासन का कहना है कि डॉग बाइट (या अन्य जानवरों के काटने) के मरीजों को रेबीज का इंजेक्शन देने के लिए आधार कार्ड जरूरी होता है। हालांकि, किन्नरों का सवाल है कि क्या सरकारी अस्पताल में बिना आधार कार्ड के इलाज संभव नहीं है?
इस घटना के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी मच गई और स्टाफ व किन्नरों के बीच तीखी बहस हो गई। किन्नरों का आरोप है कि अस्पताल में उनसे जबरन पैसे मांगे गए, जबकि डॉक्टरों का कहना है कि नियमों के अनुसार आधार कार्ड जरूरी होता है।
इस पूरे विवाद का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिससे अस्पताल प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं। क्या सरकारी अस्पताल में आधार कार्ड के बिना इलाज नहीं मिलेगा? इस घटना ने स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है।