✍🏽परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सिवान: आधुनिक तकनीक ने जहां जीवन को आसान और सुविधाजनक बनाया है, वहीं साइबर ठगों के लिए यह एक नया अवसर बनकर सामने आया है। स्मार्टफोन और इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है, और इसके साथ ही साइबर अपराधी भी नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को ठगने में माहिर हो गए हैं। खासतौर पर व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से आ रहे संदेशों के जरिए ठगी की घटनाओं में बेतहाशा बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। साइबर ठग लोग पार्ट टाइम जॉब के बहाने लोगों को ललचाते हैं और फिर पलक झपकते ही उनके बैंक खातों से पैसे गायब कर देते हैं।
यह ठगी अब सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं रही, बल्कि छोटे कस्बों और गांवों तक भी पहुंच गई है। आमतौर पर यह ठग तकनीकी रूप से अनजान लोगों को अपना शिकार बनाते हैं, जो इंटरनेट और बैंकिंग से जुड़े खतरों से पूरी तरह वाकिफ नहीं होते। इस प्रकार की ठगी के शिकार लोग अपनी निजी जानकारी, जैसे कि बैंक खाता विवरण, पिन नंबर आदि, साइबर ठगों के हाथों दे बैठते हैं, जिससे उनके खाते से पैसे गायब हो जाते हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि साइबर अपराध से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है जागरूकता और सतर्कता। किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें, और कभी भी अपनी बैंकिंग जानकारी किसी के साथ साझा न करें। साथ ही, अपने मोबाइल फोन और बैंकिंग पासवर्ड को नियमित रूप से अपडेट करने की आदत डालें। पुलिस का कहना है कि यदि कोई ठगी का शिकार हो, तो तुरंत इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें और अपनी सुरक्षा में लापरवाही न बरतें।
साइबर ठगों से बचने के लिए हमें खुद और अपने परिवार एवं मित्रों को भी इस खतरे के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है। केवल सतर्कता और जागरूकता से ही हम इन ठगों के जाल में फंसने से बच सकते हैं।
