✍परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सिवान: शहर के पुरानी पीएसएस में सोमवार को मानव बलों ने एकजुट होकर एजेंसी प्रथा के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सभी कर्मचारियों ने काला बिल्ला लगाकर काम किया और एक स्वर में एजेंसी प्रथा समाप्त करने की मांग की।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि एजेंसी प्रथा के कारण उनका आर्थिक और मानसिक शोषण हो रहा है। 30 दिनों की मेहनत के बावजूद उन्हें केवल 26 दिनों का भुगतान किया जाता है, जिसे उन्होंने पूरी तरह अन्यायपूर्ण बताया। मानव बलों ने यह भी मांग की कि कार्य के दौरान मृत्यु होने पर मुआवजा राशि को चार लाख से बढ़ाकर पचास लाख रुपये किया जाए।
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि दस वर्षों की लगातार सेवा के बाद भी उन्हें मात्र 9200 रुपये मासिक वेतन मिलता है, जो महंगाई के इस दौर में परिवार का भरण-पोषण करने के लिए अपर्याप्त है। उनका कहना है कि एजेंसी उनकी मेहनत का हक छीन रही है और उनके भविष्य को अंधकारमय बना रही है।
विरोध प्रदर्शन में फैज अहमद उर्फ लड्डन, ओसिहर सिंह, हसीन, रोहित, अभय महतो, प्रमोद यादव, गौरी शंकर, भीम साह, योगेंद्र यादव, मोहित और भूपेंद्र समेत कई मानव बल शामिल थे।
