✍🏽परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सिवान : देव उठनी एकादशी यानी कार्तिक शुक्ल देवोत्थान एकादशी 12 नवंबर को मनाई जाएगी। चार माह की योग निंद्रा के बाद भगवान विष्णु इस दिन जागृत होंगे और भक्तों को आशीर्वाद देंगे। इस अवसर पर तुलसी विवाह के साथ ही विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाएगी। लग्नों के आगमन की आहट से ही विवाह की तैयारियां जोरों पर हैं, और देवोत्थान एकादशी को लेकर भक्तों ने भी तैयारी पूरी कर ली है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, चर्तुमास के दौरान शुभ कार्यों का आयोजन वर्जित रहता है, और देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। भक्त इस दिन उपवास और भगवान विष्णु की आराधना कर विष्णु लोक की प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। आंदर के पड़ेजी निवासी पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि इस एकादशी का अत्यधिक महत्व है। सुख, समृद्धि और सौभाग्य के लिए इस दिन भक्त कई प्रकार के उपाय भी करते हैं, क्योंकि भगवान विष्णु अपनी शैया से जागते ही भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए उत्सुक रहते हैं।
विवाह, गृहप्रवेश, मुंडन, यज्ञोपवित संस्कार जैसे मांगलिक कार्य देव उठनी एकादशी के बाद से ही शुरू हो जाते हैं। 16 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 29 मिनट से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ खारमास लगेगा, जिसके कारण विवाह और गृहप्रवेश जैसे शुभ कार्यों पर पुनः रोक लग जाएगी। ऐसे में लोगों को विवाह और गृहप्रवेश के लिए खारमास खत्म होने तक इंतजार करना होगा।
नवंबर व दिसंबर में शादियों की धूम
देव उठनी एकादशी से विवाह का सीजन शुरू हो गया है, और इस बार नवंबर और दिसंबर माह में शादियों की धूम रहने की संभावना है। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक में मैरेज हॉल, होटल, धर्मशालाएं, बैंड-बाजा आदि की बुकिंग शुरू हो चुकी है। दिवाली के बाद बाजारों में फिर से रौनक लौट आई है और लोग विवाह की तैयारियों में व्यस्त नजर आ रहे हैं।
नवंबर और दिसंबर में 10-10 दिन के शुभ विवाह मुहूर्त
12 नवंबर से 15 दिसंबर तक कुल 20 शुभ विवाह मुहूर्त हैं, जिनमें बैंड-बाजा और बारात की धूम रहेगी। नवंबर में विवाह के लिए 10 शुभ दिन हैं: 12, 13, 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, और 26 नवंबर। इसी प्रकार, दिसंबर में भी विवाह के लिए 10 दिन शुभ माने गए हैं, जो हैं: 2, 3, 4, 7, 9, 10, 13, 14, और 15 दिसंबर।
