✍परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सिवान: जिले के सभी 19 प्रखंडों में 18 साल से कम उम्र के उन बच्चों की पहचान की जाएगी, जिनके माता-पिता गंभीर बीमारियों से ग्रस्त हैं, जिसके कारण उनका पोषण सही तरीके से नहीं हो पा रहा है। इस कार्य के लिए पदाधिकारियों को पहले ही प्रशिक्षित किया जा चुका है।
परवरिश योजना के अंतर्गत एचआईवी/एड्स पीड़ित मरीजों के 18 साल से कम उम्र के बच्चों को इस योजना का लाभ मिलेगा। ऐसे बच्चों को चिह्नित कर उन्हें मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया बाल विकास विभाग और अन्य परियोजनाओं के माध्यम से संचालित की जा रही है।
जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक राजकुमार सिंह ने बताया कि एचआईवी पीड़ित व्यक्तियों के बच्चों की पहचान गोपनीय तरीके से की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल पात्र बच्चों को ही योजना से लाभान्वित किया जाए।
सदर अस्पताल स्थित एआरटी सेंटर से प्राप्त सूची के आधार पर इन लाभार्थियों की खोज की जाएगी। राजकुमार सिंह ने यह भी बताया कि इस योजना का लाभ उन बच्चों को भी मिलेगा, जिनके माता-पिता नहीं हैं और जिनकी उम्र 18 साल से कम है। ऐसे बच्चों को पहचान कर उन्हें प्रति माह ₹2,000 की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
