✍🏽परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सिवान: लोक आस्था के चतुर्दिवसीय व्रत छठ महापर्व की समाप्ति के बाद अक्षय नवमी की तैयारियां भी पूरी कर ली गई हैं। जिला मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को अक्षय नवमी मनाया जाएगा। यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का भारतीय संस्कृति का पर्व है।
इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा कर परिवार के लिए आरोग्यता और सुख-सौभाग्य की कामना की जाती है। आचार्य पंडित उमाशंकर पांडेय ने बताया कि अक्षय नवमी के दिन किया गया तप, जप, दान आदि मनुष्य को सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति दिलाता है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति करने वाला होता है।
शास्त्रों के अनुसार, अक्षय नवमी के दिन आंवले के वृक्ष में भगवान विष्णु और शिवजी का निवास होता है। मान्यता है कि इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करने से सभी रोगों का नाश होता है। अक्षय नवमी अथवा आंवला नवमी को हिंदू संस्कृति में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में माना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के नवमी तिथि को अक्षय नवमी मनाया जाता है।
