समय सीवान

✍🏽परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ

इस्लाम धर्म में शब-ए-बारात का विशेष महत्व है और इसे इस्लामिक कैलेंडर के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक माना जाता है। इस्लामिक कैलेंडर के आठवें महीने शाबान की 15वीं रात को यह पर्व मनाया जाता है, जिसे शबे बारात या अरबी में लैलातुल बारात के नाम से भी जाना जाता है।

शब-ए-बारात की रात को क्षमा और इबादत की रात माना जाता है। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग पूरी रात नमाज अदा करते हैं, कुरान की तिलावत करते हैं और अल्लाह से मगफिरत (क्षमा) की दुआ मांगते हैं। यह रात शाबान महीने की 14 और 15वीं तारीख के बीच आती है। इस साल शब-ए-बारात 13 फरवरी को मनाई जाएगी, जिसे लेकर प्रखंड मुख्यालय समेत ग्रामीण क्षेत्रों में जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं

मस्जिदों और कब्रिस्तानों की सफाई का कार्य किया जा रहा है। महिलाएं घरों में रहकर कुरान की तिलावत और इबादत में मशगूल हैं। वहीं, समुदाय के लोग रातभर कब्रिस्तान जाकर अपने पूर्वजों की कब्रों पर चिराग जलाकर फातिहा पढ़ेंगे, जिसकी तैयारी पूरे उत्साह के साथ की जा रही है।

Share.
Leave A Reply

Exit mobile version