✍परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सिवान में जिला समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में जिला कृषि टास्क फोर्स की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिलाधिकारी ने किसानों को वैज्ञानिक पद्धतियों से खेती करने और उत्पादकता बढ़ाने के लिए जागरूक करने पर बल दिया। उन्होंने फसल अवशेष (पराली) जलाने से होने वाले नुकसान के प्रति किसानों और आम जनता के बीच बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।
डीएम ने कहा कि पराली जलाना न केवल दंडनीय अपराध है, बल्कि यह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को निर्देश दिया कि इस वर्ष पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। इसके तहत गांव-गांव ओरिएंटेशन सत्र आयोजित कर किसानों और नागरिकों को फसल अवशेष प्रबंधन की तकनीक और उसके लाभों के बारे में जागरूक किया जाए।
बैठक में निर्देश दिया गया कि कृषि, वन एवं पर्यावरण, स्वास्थ्य, शिक्षा, जीविका, पशुपालन, जनसंपर्क, त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं और सहकारिता विभाग सहित सभी जिला स्तरीय पदाधिकारी अपने क्षेत्रीय कर्मियों के माध्यम से जन-जागरूकता अभियान चलाएं। इन अभियानों में मिट्टी, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर फसल अवशेष जलाने के दुष्प्रभाव के बारे में जानकारी दी जाए।
जिलाधिकारी ने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के यंत्रों जैसे बेलर मशीन, जीरो टिलेज, हैप्पी सीडर, रीपर कंबाइंडर, सुपर सीडर और सेल्फ प्रोपेल्ड रीपर के उपयोग और उनके लिए सरकार द्वारा दी जा रही अनुदान योजनाओं के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया। किसानों को इन यंत्रों के कार्य, उपयोग और लाभ समझाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
प्रखंड स्तर पर नियमित जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए, जिससे किसानों को फसल अवशेष जलाने से बचने के उपाय और सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने की प्रक्रिया समझाई जा सके। डीएम ने सभी विभागों को समन्वय बनाकर इन अभियानों की प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने को कहा।
