✍परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
सिवान: दरौली प्रखंड के नेपुरा गांव में आयोजित सीताराम महायज्ञ के दूसरे दिन रविवार को विशेष धार्मिक अनुष्ठान किए गए। इस अवसर पर मंडप प्रवेश, वेदी पूजन और सायंकाल में अरणी मंथन कर अग्नि देव का प्राकट्य किया गया, जिसके बाद हवन कार्य का शुभारंभ किया गया।
यज्ञ के आचार्य नीरज शास्त्री ने बताया कि महायज्ञ के पहले दिन केवल कलश यात्रा और पंचांग पूजन किया जाता है, जबकि दूसरे दिन मंडप प्रवेश के साथ देवी-देवताओं का आवाहन, स्थापना और पूजन किया जाता है। रविवार को वेदी पर सभी देवी-देवताओं का आवाहन, स्थापना और पूजन किया गया। इसके साथ ही सायंकाल में अरणी मंथन के द्वारा अग्नि देव का प्राकट्य होने के बाद हवन कार्य शुरू किया गया।
आचार्य नीरज ने यज्ञ के चार प्रमुख अंगों का विवरण दिया – पूजन, हवन, भोज और लीला, और बताया कि रविवार से इन सभी कार्यक्रमों की शुरुआत हो चुकी है। अब यज्ञ मंडप की परिक्रमा भी शुरू हो गई है।
प्रत्येक दिन प्रातः समय में पूजन, पाठ, जप इत्यादि और सायं काल में हवन आयोजित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, वृंदावन से आए रासबिहारी द्वारा दिन में रामलीला और रात्रि में कृष्णलीला का मंचन किया जा रहा है। संध्या 5 बजे से आचार्य रविप्रकाश द्वारा रामकथा का आयोजन भी किया जा रहा है।
यज्ञ स्थल पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी जा रही है, जो भक्ति भाव से कार्यक्रमों में भाग ले रहे हैं।
