✍🏽 परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ
संगीत और नृत्य के रंग में रंगा मेंहदार महोत्सव, कलाकारों ने बांधा समां
सीवान के सिसवन प्रखंड स्थित ऐतिहासिक महेंद्रनाथ मंदिर के समीप पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित मेंहदार महोत्सव का भव्य समापन मंगलवार की देर रात हुआ। महोत्सव में मशहूर गायक कुमार सत्यम, बाल कलाकार रौनक रत्न, शिखा सिंह राजपूत और गौरी कला मंडपम के कलाकारों की शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उद्घोषक सुधीर पांडेय ने अपने अलग अंदाज में मंच संचालन कर माहौल को और अधिक रोचक बना दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत शिव और गणेश वंदना से हुई, जिसके बाद एक से बढ़कर एक गीतों और नृत्य प्रस्तुतियों ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। जैसे-
“बेवफा तेरा मासूम चेहरा, भूल जाने के काबिल नहीं है…”
“ऐसी लगी लग्न, मीरा हो गई मगन…”
“ऐसी दीवानगी देखी नहीं कहीं…”
गौरी कला मंडपम की टीम ने डा. दिव्या श्रीवास्तव के निर्देशन में शिव विवाह नृत्य नाटिका प्रस्तुत कर माहौल को भक्तिमय बना दिया। बाल कलाकार रौनक रत्न ने “प्रीत को पाप कहते हैं अधर्मी…”, “लगा चुनरी में दाग मिटाऊं कैसे…” और “मिले सुर मेरा तुम्हारा…” की प्रस्तुति देकर दर्शकों के दिलों में खास जगह बना ली।
गायक कुमार सत्यम की प्रस्तुतियों ने महोत्सव में चार चांद लगा दिए। जब उन्होंने “तेरे शहर में मुसाफिर की तरह…”, “खामोश लब हैं, झुकी हैं पलकें…” और “याद, याद, याद बस याद रह जाती है…” गाया, तो दर्शक देर तक तालियां बजाते रहे। वहीं, “तुम तो ठहरे परदेशी, साथ क्या निभाओगे…” जैसी गजलों ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।
मेंहदार महोत्सव ने एक बार फिर अपनी भव्यता साबित की, जहां संगीत, नृत्य और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने देर रात तक लोगों को बांधे रखा।