समय सीवान

✍परवेज़ अख़्तर/एडिटर इन चीफ

सिवान : लोकआस्था के महापर्व छठ पूजा का तीसरा दिन आज पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। सिवान जिला मुख्यालय सहित जिले के सभी छोटे-बड़े घाटों पर छठ व्रती महिलाओं ने विशेष मंत्रोच्चार के साथ अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। इस दौरान व्रती महिलाएं बांस की टोकरी और सूप में ठेकुआ, फल, नारियल और गन्ना जैसी पूजा सामग्री लेकर घाटों पर पहुंचीं और लोकगीतों के बीच छठी मइया और सूर्यदेव को प्रसाद चढ़ाया।

दोपहर के बाद ही घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने लगी। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का शुभ समय शाम 4:53 से 5:10 बजे तक था। अर्घ्य अर्पित करने के बाद, व्रती महिलाएं घर लौटकर संध्या समय कोसी भरने की रस्म निभाएंगी, जिसका शुभ मुहूर्त 5:43 से रात 9:15 तक रहेगा।

शुक्रवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर समापन

छठ महापर्व का समापन शुक्रवार सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर किया जाएगा। इसके बाद व्रती महिलाएं अपने परिवार की सुख-शांति की कामना करेंगी। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने का समय सुबह 6:15 से 6:32 के बीच रहेगा। इसके उपरांत देवी-देवताओं की पूजा कर चार दिवसीय महाव्रत का पारण किया जाएगा।

तीसरे दिन का विशेष प्रसाद

व्रत के तीसरे दिन ठेकुआ और चावल के लड्डू का विशेष महत्व है। व्रती महिलाओं ने घरों में इन प्रसादों को श्रद्धा भाव से तैयार किया और पूजा में इन्हें चढ़ाया। इसके अलावा, सांचा और अन्य फलों को भी चढ़ावे में शामिल किया गया।

कठोर तपस्या के समान छठ व्रत

छठ व्रत एक कठोर तपस्या की तरह है, जिसमें व्रती को उपवास और कई नियमों का पालन करना होता है। व्रती महिलाएं बिना सिले वस्त्र पहनती हैं और फर्श पर चादर या कंबल बिछाकर रात्रि बिताती हैं। यह व्रत मुख्यतः पुत्र की कुशलता और परिवार की समृद्धि के लिए किया जाता है।

सिवान में छठ महापर्व की परंपराओं को जीवित रखते हुए श्रद्धालु इस उत्सव को श्रद्धा और उत्साह के साथ मना रहे हैं।

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